प्रो. देवेन्द्र प्रसाद मिश्र, आचार्य एवम् अध्यक्ष वेद विभाग, श्रीलाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) नई दिल्ली-16, विक्रमाब्द 2080 श्रावण शुक्ल षष्ठी मंगलवार तदनुसार दिनांक 22-08-2023 से विश्वविद्यालय के कुलानुशासक हैं । इनके यशस्वी प्रपितामह –ब्रह्मलीन पण्डित श्रीवासुदेव मिश्र एवं पितामह- ब्रह्मलीन श्रीप्रभुनाथ मिश्र तथा पिता –ब्रह्मलीन पण्डित श्रीनन्दकुमार मिश्र भागवत् धर्मपरायण एवं दैवी गुणों से सम्पन्न सद्गृहस्थ थे। इनकी माता श्रीफूलकुमारी देवी भक्ति की प्रतिमूर्ति हैं । डॉ. मिश्र का जन्म मध्य प्रदेश के रीवा सम्भाग के सीधी मण्डलान्तर्गत चुरहट विधानसभा क्षेत्र में देवनद शोणभद्र के तट पर स्थित भितरी गाँव के धर्मपरायण विप्रवंश में 25 दिसम्बर 1976 को हुआ था। इन्होंने प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा गाँव से ग्रहण कर संस्कृत जगत् में प्रवेश किया। तत्पश्चात् अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा मध्यप्रदेश से आचार्य – वेद, एम. ए.–संस्कृत एवं हिन्दी, विद्यावारिधि (पीएच्.डी.) तथा विद्यावाचस्पति (डी. लिट् ) उपाधि प्राप्त की और हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग से संस्कृत महामहोपाध्याय की मानद उपाधि से विभूषित हुए।
सेवा–श्रीलाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के वेद विभाग में 02 जुलाई 2007 से व्याख्याता (वेद) के रूप में संस्कृत सेवा प्रारम्भ की। तत्पश्चात् सहाचार्य (वेद) तथा आचार्य (वेद) के पद पर निरन्तर कार्यरत हैं। सम्प्रति वेद-विभाग के अध्यक्ष पद के दायित्व का निर्वहण कर रहे हैं।
विशेषज्ञता–वेद तथा वैदिक साहित्य, संस्कृत एवं हिन्दी साहित्य ।
प्रकाशन:
लेखन-
- यजुर्वेदे वैश्विकचिन्तनम् ।
- श्रीमन्महर्षिकात्यायन प्रणीत - कात्यायनशुल्बसूत्रम् , हिन्दी व्याख्या ।
- नन्दकुमारचरितम् (चम्पूकाव्यम् ), हिन्दी टीका ।
- पचास से अधिक शोध- निबन्ध राष्ट्रिय एवं अन्ताराष्ट्रिय शोध-पत्रिकाओं में प्रकाशित ।
सम्पादन-
- श्रीमन्महर्षिकात्यायन प्रणीत – कात्यायनश्रौतसूत्रम् ।
- शुक्लयजुर्वेदीय गर्भाधानादि – षोडश-संस्कार – पद्धति विमर्शः ।
- वेदाङ्गवीथी, अर्धवार्षिक शोध–पत्रिका (सह-सम्पादन) ।
शोध–निर्देशन: विद्यावारिधि (पीएच्.डी.) के 07 (सात) शोधार्थी शोधोपाधि प्राप्त कर चुके हैं तथा वर्तमान में 05 शोधार्थी अनुसन्धान-कार्य कर रहे हैं ।
डॉ. मिश्र ने शताधिक राष्ट्रिय एवं अन्ताराष्ट्रिय सम्मेलनों/ संगोष्ठियों तथा कार्यशालाओं में भाग लिया, शोध पत्र का वाचन किया और विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व भी किया ।
पुरस्कार / सम्मान:
- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा श्रेष्ठकृति पुरस्कार 2015-16 के अन्तर्गत प्रादेशिक व्यास पुरस्कार ।
- मध्य प्रदेश शासन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान के लिये 2018 में सम्मानपत्र ।
- अखिल भारतीय विद्वत् परिषद् वाराणसी द्वारा वेद- क्षेत्र में महनीय विद्वत् कार्य के सम्पादनार्थ 2017 में महर्षि याज्ञवल्क्य पुरस्कार ।
- इस प्रकार कुल 07 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हैं ।
प्रो. देवेन्द्र प्रसाद मिश्र राष्ट्रीय स्तर पर वेद विद्या के विशेषज्ञ के रूप में प्रतिष्ठित हैं । सम्प्रति कुलानुशासक के साथ–साथ वेद-विभाग के अध्यक्ष हैं । इनके अतिरिक्त आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) समिति के सदस्य तथा विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों एवं भावी योजनाएं तैयार करने वाली समिति के आयोजक - सचिव के दायित्वों का भी निर्वहण कर रहे हैं । आप विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों, छात्र/ छात्राओं से सम्बन्धित विषय एवं पठन-पाठन को सुदृढ़ करने एवं विश्वविद्यालय की समस्त शैक्षणिक गतिविधियों में योगदान देने के अतिरिक्त अकादमिक रूप से अनुसन्धान और विकास को भी प्रोत्साहित करते हैं । प्रो. मिश्र अकादमिक प्रकाशनों तथा अन्य शैक्षणिक क्रिया-कलापों के कारण सह-कर्मियों और छात्र/ छात्राओं के मध्य सम्मान्य सदस्य के रूप में प्रसिद्ध हैं।