दर्शन संकाय के अन्तर्गत नव विषयों का अध्ययन-अध्यापन, आठ विभागों में होता है। ये आठ विभाग-न्याय-वैशेषिक, सांख्ययोग, अद्वैतवेदान्त, विशिष्टाद्वैतवेदान्त, जैनदर्शन, सर्वदर्शन, मीमांसा एवं योग है। भारतीय सनातन ज्ञान की विविध् परम्पराओं का अध्ययन-अध्यापन इस संकाय के अन्तर्गत सम्पन्न होता है। वस्तुतः भारतीय दार्शनिक विधओं के सम्बन्ध् में गहन अनुसंधन और समाजोपयोगी ज्ञान-निर्माण में इसके विभिन्न विभाग सतत प्रयत्नशील हैं। न्यायवैशेषिकविभाग, सांख्ययोगविभाग, अद्वैतवेदान्तविभाग, विशिष्टाद्वैतवेदान्तविभाग, मीमांसादर्शनविभाग एवं जैनदर्शनविभाग तत्तच्छास्त्रों में विशेषज्ञता अर्जित कराता है। योगविभाग हठयोग प(ति में दक्षता प्रदान करता है तथा सर्वदर्शन सभी भारतीय दर्शनों का सामान्यज्ञान एवं विशेषज्ञान कराता है।